Co-applicant Loan: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पैसों की जरूरत हर किसी को पड़ती है। चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना हो या फिर कोई बिजनेस शुरू करना हो, कई बार हमारी जेब इतनी भारी नहीं होती कि सारी जरूरतें अकेले पूरी कर सकें। ऐसे में Loan लेना एक आम रास्ता बन जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि Co-applicant Loan लेने से आपकी जिंदगी कितनी आसान या मुश्किल हो सकती है? आज हम इसी टॉपिक पर गहराई से बात करेंगे कि Co-applicant के साथ Loan लेने के फायदे क्या हैं और नुकसान क्या हो सकते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं!
Co-applicant Loan क्या होता है?
सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि Co-applicant Loan आखिर है क्या। आसान भाषा में कहें तो जब आप किसी Loan के लिए अप्लाई करते हैं और अपने साथ किसी और को जोड़ते हैं, जो आपके साथ उस Loan की जिम्मेदारी शेयर करता है, उसे Co-applicant कहते हैं। ये Co-applicant आपका पार्टनर, पेरेंट्स, भाई-बहन या कोई करीबी रिश्तेदार हो सकता है। दोनों मिलकर Loan की रकम चुकाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। चाहे वो Home Loan हो, Personal Loan हो या फिर Business Loan, Co-applicant का कॉन्सेप्ट हर जगह काम करता है।
अब सवाल ये है कि लोग Co-applicant Loan क्यों लेते हैं? जवाब आसान है – इससे Loan मिलने की संभावना बढ़ जाती है, रकम बड़ी हो सकती है और शर्तें भी बेहतर हो सकती हैं। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, तो इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझना जरूरी है।
Co-applicant Loan के फायदे
1. Loan Approval की संभावना बढ़ जाती है
अगर आप अकेले Loan के लिए अप्लाई करते हैं और आपकी इनकम या Credit Score थोड़ा कम है, तो बैंक या लेंडर आपको Loan देने में हिचकिचा सकते हैं। लेकिन जब आपके साथ एक Co-applicant होता है, जिसकी इनकम अच्छी है या Credit Score मजबूत है, तो लेंडर को भरोसा हो जाता है कि Loan की रकम समय पर चुकाई जाएगी। इससे Loan Approval की चांसेज काफी बढ़ जाते हैं।
मान लीजिए, आप एक Home Loan लेना चाहते हैं, लेकिन आपकी सैलरी 30,000 रुपये महीना है। बैंक कहता है कि इतनी इनकम में आपको सिर्फ 15 लाख का Loan मिलेगा। अब अगर आपकी पत्नी या पिता को Co-applicant बनाते हैं, जिनकी इनकम 40,000 रुपये महीना है, तो आपकी कुल इनकम 70,000 रुपये हो जाती है। इससे बैंक आपको 30-35 लाख तक का Loan आसानी से दे सकता है।
2. बड़ी Loan Amount मिल सकती है
Co-applicant Loan का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपकी और आपके Co-applicant की कम्बाइंड इनकम को देखकर लेंडर बड़ी रकम अप्रूव कर सकता है। खासकर Home Loan या Business Loan में ये बहुत काम आता है। अगर आप अकेले अप्लाई करते हैं, तो आपकी इनकम के आधार पर Loan Amount लिमिटेड रहती है। लेकिन Co-applicant के साथ आप अपने सपनों का बड़ा घर या बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादा पैसा जुटा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आप और आपका भाई मिलकर एक प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, तो दोनों की इनकम जोड़कर बैंक आपको 50 लाख तक का Loan दे सकता है, जो अकेले शायद 25 लाख तक ही सीमित रहता।
3. कम Interest Rate का फायदा
कई बार Co-applicant की मजबूत फाइनेंशियल प्रोफाइल की वजह से लेंडर कम Interest Rate ऑफर करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दो लोग Loan की जिम्मेदारी शेयर कर रहे होते हैं, जिससे डिफॉल्ट का रिस्क कम हो जाता है। खासकर अगर Co-applicant का Credit Score 750 से ऊपर है, तो बैंक को लगता है कि ये Loan सेफ है और वो आपको बेहतर डील दे सकते हैं।
मान लीजिए, अकेले आपको 10% Interest Rate पर Personal Loan मिल रहा था। लेकिन Co-applicant के साथ वही Loan 9% पर मिल जाए, तो हर महीने की EMI में अच्छी-खासी बचत हो सकती है।
4. EMI का बोझ कम होता है
Co-applicant Loan में EMI की जिम्मेदारी दो लोगों के बीच बंट जाती है। इससे आपकी जेब पर कम दबाव पड़ता है और फाइनेंशियल प्लानिंग आसान हो जाती है। जैसे कि अगर आपकी EMI 20,000 रुपये महीना है, तो आप और आपका Co-applicant 10-10 हजार रुपये देकर इसे मैनेज कर सकते हैं। ये खासकर तब फायदेमंद है जब Loan Amount बड़ी हो और टेन्योर लंबा हो।
5. Tax Benefits का डबल फायदा
अगर आप Home Loan लेते हैं और Co-applicant के साथ प्रॉपर्टी के को-ओनर हैं, तो दोनों को Tax Benefits मिल सकते हैं। Income Tax Act के सेक्शन 80C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक और सेक्शन 24(b) के तहत इंटरेस्ट पर 2 लाख तक की छूट हर को-एप्लिकेंट को अलग-अलग मिल सकती है। यानी कुल मिलाकर 7 लाख तक का टैक्स बेनिफिट आप दोनों उठा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आप और आपकी पत्नी ने 40 लाख का Home Loan लिया और हर साल 3 लाख का इंटरेस्ट और 1 लाख का प्रिंसिपल चुकाया, तो दोनों को 2 लाख + 1 लाख = 3 लाख का टैक्स बेनिफिट मिलेगा। अकेले ये सिर्फ एक शख्स तक सीमित रहता।
6. फाइनेंशियल सिक्योरिटी बढ़ती है
अगर किसी वजह से आपकी इनकम कम हो जाए या जॉब चली जाए, तो Co-applicant आपकी मदद कर सकता है। वो EMI चुकाने में सपोर्ट करेगा, जिससे आप डिफॉल्ट करने से बच जाएंगे। ये एक तरह का बैकअप प्लान होता है, जो मुश्किल वक्त में काम आता है।
Co-applicant Loan के नुकसान
1. दोनों की क्रेडिट प्रोफाइल पर असर
Co-applicant Loan का सबसे बड़ा रिस्क ये है कि अगर Loan की EMI समय पर नहीं चुकाई गई, तो आप दोनों के Credit Score पर बुरा असर पड़ता है। मान लीजिए, आपने अपने भाई के साथ Loan लिया और वो EMI देने में लापरवाही करता है। इसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ेगा, भले ही आपकी गलती न हो। Credit Score खराब होने से भविष्य में Loan लेना मुश्किल हो सकता है।
2. कानूनी जिम्मेदारी बराबर
Co-applicant होने का मतलब है कि आप और आपका पार्टनर दोनों Loan चुकाने के लिए बराबर जिम्मेदार हैं। अगर आपका Co-applicant EMI नहीं दे पाता या देने से मना कर देता है, तो सारा बोझ आप पर आ सकता है। बैंक को इस बात से कोई मतलब नहीं कि आपने आपस में क्या डील की है – वो दोनों से पैसे वसूलने का हक रखता है।
उदाहरण के लिए, अगर आपने अपने दोस्त के साथ Personal Loan लिया और वो अचानक गायब हो जाए, तो बैंक आपसे पूरी रकम मांग सकता है। ये आपके लिए फाइनेंशियल और मेंटल स्ट्रेस का कारण बन सकता है।
3. रिश्तों में तनाव
पैसों का लेन-देन कई बार रिश्तों में खटास ला सकता है। अगर आपने अपने पेरेंट्स या पार्टनर के साथ Co-applicant Loan लिया और EMI को लेकर कोई अनबन हो जाए, तो रिश्ते खराब होने का डर रहता है। जैसे कि अगर आपकी सैलरी से EMI कट रही है और Co-applicant अपना हिस्सा नहीं दे रहा, तो बहस होना लाजमी है।
4. Loan Tenure और प्लानिंग में दिक्कत
कई बार Co-applicant के साथ Loan लेने से टेन्योर लंबा हो जाता है, क्योंकि दोनों की इनकम को देखकर लेंडर ज्यादा रकम दे देता है। लेकिन अगर आपकी या Co-applicant की फाइनेंशियल कंडीशन बदल जाए, तो लंबा Loan Tenure बोझ बन सकता है। साथ ही, अगर Co-applicant भविष्य में कोई दूसरा Loan लेना चाहे, तो उसकी एलिजिबिलिटी पर भी असर पड़ सकता है।
5. प्रॉपर्टी ओनरशिप का झंझट
Home Loan में अगर Co-applicant को-ओनर है, तो प्रॉपर्टी का मालिकाना हक भी शेयर होता है। अब अगर भविष्य में कोई डिस्प्यूट हो जाए, जैसे तलाक या पारिवारिक झगड़ा, तो प्रॉपर्टी को बांटना या बेचना मुश्किल हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने अपनी पत्नी के साथ Loan लिया और बाद में रिश्ता टूट जाए, तो प्रॉपर्टी और Loan की जिम्मेदारी को लेकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लग सकते हैं।
6. Co-applicant की खराब प्रोफाइल का नुकसान
अगर आपका Co-applicant का Credit Score कम है या उस पर पहले से कोई Loan बकाया है, तो आपकी Loan Application रिजेक्ट भी हो सकती है। बैंक दोनों की प्रोफाइल चेक करता है, और अगर एक की भी फाइनेंशियल हेल्थ खराब हुई, तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Co-applicant Loan लेने से पहले क्या सोचें?
अब जब हमने फायदे और नुकसान दोनों देख लिए, तो सवाल ये है कि Co-applicant Loan लेना चाहिए या नहीं? इसका जवाब आपकी सिचुएशन पर डिपेंड करता है। यहाँ कुछ टिप्स हैं जो आपको डिसीजन लेने में मदद करेंगे:
- अपनी और Co-applicant की फाइनेंशियल हेल्थ चेक करें
दोनों का Credit Score, इनकम और मौजूदा Loan चेक करें। अगर सब कुछ ठीक है, तो ये एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। - रिश्ते की मजबूती देखें
Co-applicant के साथ आपका रिश्ता कितना भरोसेमंद है, ये जरूर सोचें। पैसों का मामला रिश्तों को प्रभावित कर सकता है। - EMI शेयरिंग का प्लान बनाएं
पहले ही डिसाइड कर लें कि EMI कैसे बंटेगी। लिखित एग्रीमेंट बनाना भी स्मार्ट आइडिया है। - लंबे टर्म की प्लानिंग करें
क्या आप और Co-applicant अगले 10-15 साल तक Loan मैनेज कर पाएंगे? इस पर विचार करें। - लेंडर की शर्तें समझें
हर बैंक की Co-applicant Loan की पॉलिसी अलग होती है। सारी डिटेल्स अच्छे से पढ़ें।
असल जिंदगी के उदाहरण
उदाहरण 1: सफलता की कहानी
राहुल और उसकी पत्नी ने मिलकर एक Home Loan लिया। राहुल की सैलरी 50,000 रुपये थी और पत्नी की 30,000 रुपये। अकेले राहुल को 20 लाख का Loan मिल रहा था, लेकिन Co-applicant के साथ उन्हें 35 लाख का Loan मिल गया। दोनों ने EMI शेयर की और 5 साल में Loan का बड़ा हिस्सा चुका दिया। साथ ही, टैक्स बेनिफिट्स ने उनकी सालाना बचत बढ़ा दी।
उदाहरण 2: मुश्किल सिचुएशन
अंकित ने अपने दोस्त के साथ Personal Loan लिया। शुरू में सब ठीक था, लेकिन दोस्त ने 6 महीने बाद EMI देना बंद कर दिया। अंकित को अकेले पूरा Loan चुकाना पड़ा, जिससे उसका Credit Score खराब हो गया और दोस्त से रिश्ता भी टूट गया।
Co-applicant Loan के लिए बेस्ट सिचुएशन
- जब आपकी इनकम कम हो और आपको बड़ा Loan चाहिए।
- जब आप और Co-applicant का रिश्ता मजबूत हो और दोनों फाइनेंशियली स्टेबल हों।
- जब आप टैक्स बेनिफिट्स का फायदा उठाना चाहते हों।
कब बचें?
- अगर Co-applicant का Credit Score खराब हो।
- अगर आप रिश्ते में अनबन का रिस्क नहीं लेना चाहते।
- अगर आप अकेले Loan मैनेज कर सकते हैं।
Conclusion
Co-applicant Loan एक ऐसा टूल है जो सही इस्तेमाल से आपकी जिंदगी आसान बना सकता है, लेकिन गलत हाथों में ये मुसीबत भी खड़ी कर सकता है। इसके फायदे – जैसे आसान अप्रूवल, बड़ी रकम, कम ब्याज और टैक्स बेनिफिट्स – इसे आकर्षक बनाते हैं। लेकिन नुकसान – जैसे क्रेडिट स्कोर का रिस्क, कानूनी जिम्मेदारी और रिश्तों में तनाव – इसे जोखिम भरा भी बनाते हैं।
तो अगली बार जब आप Loan लेने की सोचें, तो Co-applicant के ऑप्शन को जरूर एक्सप्लोर करें, लेकिन सोच-समझकर। अपनी जरूरत, फाइनेंशियल स्टेटस और रिश्तों को ध्यान में रखकर डिसीजन लें। अगर सही तरीके से प्लान किया जाए, तो Co-applicant Loan आपके सपनों को हकीकत में बदलने का शानदार रास्ता हो सकता है।
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